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आंदोलन की पृष्ठ भूमि

१४ नवम्बर २०१० को पूज्य स्वामी जी के मार्गदर्शन में भारत स्वाभिमान द्वारा जंतर मंतर पर एक सभा आयोजित की जिसमें पूज्य स्वामी जी व अन्य राष्ट्रभक्तों ने काँमनवेल्थ घोटाले के लिए संसद के थाने में प्रथम एफआईआर दर्ज करवायी, जिसके परिणामस्वरूप कलमाड़ी को जेल में जाना पड़ा तथा देशवासियों के हृदय में भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए उम्मीद की किरण दिखलाई दी।

३० जनवरी को देश के ६०० जिलों से एक ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री को भेजा गया जिसमें काले धन को वापस लाने तथा भ्रष्टाचार मिटाने की मांग देश के करोड़ों लोगों के हस्ताक्षर के साथ भेजी गयी। इसमें भारत की सभी सामाजिक एवं आध्यात्मिक संस्थाओं ने अपना पूरा सहयोग किया। स्वयं योग-ऋषि स्वामी रामदेव जी ने खुद विलासपुर स्थित स्थानीय जिला अधिकारी जी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भिजवाया।

उसके बाद राष्ट्रनायक स्वामी रामदेव जी ने 27 फरवरी 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान में लाखों लोगों की एक विशाल जनसभा की तथा काले धन को वापस लाने के लिए ज्ञापन सौंपा। इस दिन शहीद चंद्रशेखर आजाद के जन्मदिवस पर दिल्ली के रामलीला मैदान में पूज्य स्वामी जी के साथ देश के 2 लाख से अधिक लोगों ने एकत्रित होकर पुनः महामहिम राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौंपा, इसके साथ ही देश की लगभग ५००० से अधिक तहसीलों से भी इसी मांग के साथ ज्ञापन भेजा गया। उस हस्ताक्षर ज्ञापन की खासियत यह थी कि भ्रष्टाचार एवं भ्रष्ट व्यवस्था से त्रस्त राष्ट्रभक्त लोगों ने अपने खून से हस्ताक्षर करके स्वामी जी को दिए और स्वामी जी ने भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं से महामहिम राष्ट्रपति जी को अवगत कराया।

२३ मार्च को शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जी, सुखदेव, राजगुरु जी के शहादत दिवस पर देश के सभी जिलों से, २४ मार्च को सभी तहसीलों से, २५ मार्च को एक लाख से अधिक गाँवों से यह ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति महोदय जी को भेजा गया तथा राष्ट्रभक्तों ने जिला, तहसील व गाँव स्तर पर उपवास कर सत्याग्रह किया।

भारत स्वाभिमान संगठन की इकाइयां देश के ६०० से अधिक जिलों में स्थापित की गयीं। इसी संगठन को आगे विस्तृत करते हुए जून २००९ तक संगठन की इकाइयां लगभग ४००० से अधिक तहसीलों तक विस्तृत की गयीं। आज सम्पूर्ण देश में भारत स्वाभिमान के प्रत्येक जिले में १०००० से ५०००० कार्यकर्ता सदस्य हैं तथा देश के लगभग १२० करोड़ लोग इससे प्रेम करते हैं तथा भावनात्मक रूप से इस संगठन से जुड़े हुए हैं। लगभग 11 करोड़ से अधिक लोग पूज्य स्वामी जी के योग शिविरों में भाग ले चुके हैं।