राष्ट्रनायक स्वामी रामदेव जी ने रोगमुक्त भारत के साथ-साथ भ्रष्टाचार मुक्त भारत व कालेधन को मिटाने के संकल्प के साथ भारत स्वाभिमान की प्रथम चरण यात्रा का शंखनाद दिनांक 2 सितम्बर २०१० को योगिराज श्री कृष्ण की जन्मस्थली द्वारिका, गुजरात से किया। (यात्रा के वीडियो आप यूट्यूब से देख सकते हैं)। यह यात्रा भारत के 25 राज्यों जैसे राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मेघालय आदि में होती हुई महाकाल की नगरी मध्यप्रदेश उज्जैन में समाप्त हुई।
यह यात्रा लगभग २०० जिलों, १००० तहसीलों तथा १ लाख से अधिक गाँवों से होकर गुजरी। एक-एक जिले में प्रातः योग शिविर में ५० हज़ार से १ लाख लोगों ने भाग लिया। तहसीलों तथा गाँवों में भी पूज्य स्वामी जी ने प्रत्यक्ष रूप से लगभग 11 करोड़ लोगों से सीधा संवाद किया, और आस्था व अन्य माध्यमों से पूरे देश व दुनिया ने इस यात्रा को देखा।
इस यात्रा के माध्यम से पूज्य महाराज जी ने भ्रष्टाचार व काले धन के विषय पर लोगों को जाग्रत किया। भारतीय समाज के वरिष्ठ पत्रकार एवं चिन्तक डॉ. वेद प्रताप वैदिक जी ने इस पर टिप्पणी की है कि देश में भ्रष्टाचार व काले धन पर राष्ट्रीय स्तर पर जन जागरण का जो विराट कार्य स्वामी जी ने किया है, वह आज़ादी के इन ६४ वर्षों में और कोई नहीं कर पाया। स्वामी जी ने 9 महीने में लगभग 1 लाख किलोमीटर की यात्रा में कम से कम 10 करोड़ से अधिक लोगों को रोगमुक्त एवं भ्रष्टाचार मुक्त भारत के इस संकल्प के लिए एकजुट किया। यात्रा के दौरान युगपुरुष स्वामी रामदेव जी ने वर्तमान में चल रहे भ्रष्टाचार व भ्रष्ट व्यवस्था से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार को काले धन पर कोई बड़ा कदम उठाने हेतु ज्ञापन भी दिया।
भारत स्वाभिमान यात्रा भारत के 25 राज्यों जैसे राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मेघालय आदि में होती हुई महाकाल की नगरी मध्यप्रदेश उज्जैन में समाप्त हुई। यह यात्रा लगभग २०० जिलों, १००० तहसीलों तथा १ लाख से अधिक गाँवों से होकर गुजरी। एक-एक जिले में प्रातः योग शिविर में ५० हज़ार से १ लाख लोगों ने भाग लिया। तहसीलों तथा गाँवों में भी पूज्य स्वामी जी ने प्रत्यक्ष रूप से लगभग 11 करोड़ लोगों से सीधा संवाद किया।