कोरा झूठ। तथ्य: भारत दुनिया का सबसे ताकतवर एवं अमीर देश है। यह एक बहुत बड़ी सच्चाई है कि दुनिया के अधिकांश विकसित देशों के लोग कमजोर हैं, परन्तु वहाँ का नेतृत्व कायर, बुजदिल एवं भ्रष्ट है तथा कानून कमजोर है। भारत के स्थानीय निकायों, राज्य सरकारों एवं केन्द्र सरकार का कुल बजट 20 लाख करोड़ रुपये है। और यह 20 लाख करोड़ का बजट तो तब है जबकि देश में चारों तरफ भ्रष्टाचार शिखर पर है। इस देश में भ्रष्टाचार न हो तो भारत देश का कुल बजट 35-40 लाख करोड़ हो सकता है। आप ही सोचें, आप ही निर्णय करें कि क्या एक गरीब देश का इतना बजट हो सकता है? जानबूझकर देश के भ्रष्ट एवं बेईमान नेताओं ने देश को गरीब बनाना हुआ है। देश से यदि भ्रष्टाचार मिट जाए तो देश में एक भी व्यक्ति बेरोजगार व गरीब नहीं रह सकता। एक षड्यंत्र के तहत लोगों को बेरोजगार, गरीब एवं अनपढ़ बनाया हुआ है, जिससे कि भ्रष्ट शासक देश के गरीब, बेरोजगार, अनपढ़ एवं अशिक्षित लोगों पर मनमाने ढंग से शासन कर सके अथवा लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही कर सके।
वास्तविकता: भारत में 100% लोग टैक्स देते हैं। जो भी देशवासी तन पर दो कपड़े ओढ़ता है या साल में एक-दो बार साबुन प्रयोग में लाता है अथवा जूते-चप्पल पहनता है अथवा बाजार में, दुकान पर जाकर वह जीवन की जरूरी प्रयोग की वस्तु आटा, नमक, टूथपेस्ट, तेल, मसाले, कागज, कलम, लोहा, सीमेंट आदि खरीदता है, तो इन सब वस्तुओं पर वह वैट/एक्साइज आदि ड्यूटी भरकर ही दुकानदार से क्रय करता है। एक आम आदमी भी स्टैम्प ड्यूटी, पीने के पानी पर टैक्स, गृहकर, सीवेज टैक्स, रोड टैक्स, सर्विस टैक्स, सेल टैक्स अर्थात किसी न किसी प्रकार का टैक्स जीवन भर जरूर देता है, तो क्या यह सफेद झूठ नहीं है कि मात्र पाँच प्रतिशत लोग ही टैक्स भरते हैं! ये झूठा भ्रम/प्रचार एक षड्यंत्र के तहत इसलिए किया जाता है कि देश के बेईमान लोग यदि लूटे तो कोई आवाज न उठाए। उनकी आवाज दबाने के लिए ही यह झूठ बोला जाता है, ताकि जब कोई इन भ्रष्ट बेईमानों से टैक्स मनी के रूप में दिए गए टैक्स का हिसाब मांगे तो ये भ्रष्ट लोग कह सकें कि तुम तो टैक्स ही नहीं देते, तुम हिसाब मांगने वाले कौन होते हो?
सच्चाई: भारत में 99% आम व्यक्ति ईमानदार है अथवा ईमानदारी से जीना चाहता है। इस तरह के झूठ को कि सब लोग बेईमान हैं, इस तरह फैलाया गया है कि एक देशभक्त, ईमानदार एवं चरित्रवान भारतीय व्यक्ति के मन में यह भ्रम गहरा हो गया है कि सब बेईमान हैं। अविश्वास गहरा है। जबकि हकीकत यह है कि भारत के आम जन 99% ईमानदार हैं या ईमानदारी से जीना चाहते हैं और देश के जनप्रतिनिधि अर्थात तथाकथित नेता एमपी, एमएलए आदि लगभग 99% बेईमान हैं। इन 99% भ्रष्ट एवं बेईमान नेताओं ने अपनी बेईमानी छुपाने के लिए देश की 99% ईमानदार प्रजा को बेईमान प्रजा कहकर बहुत बड़े झूठ के तहत देश के लोगों को झूठा एवं बेईमान बनाने का षड्यंत्र रचा है। जिस दिन देश के यह संवेदनशील, जागरूक, राष्ट्रभक्त, ईमानदार ये 99% लोग संगठित हो जाएंगे, उस दिन ये 1% बेईमान लोग बेनकाब हो जाएंगे। और भारत बेईमानों का देश नहीं अपितु ईमानदारों का देश कहलाएगा।
संकल्प: राष्ट्रवादी, ईमानदार लोग ही देश पर शासन करेंगे। भ्रष्टाचारी लोग ही देश पर शासन करेंगे, यह झूठ भी एक साजिश के तहत बोला जा रहा है, जिससे कि ईमानदार, देशभक्त लोग कभी सत्ता में नहीं आ सकते। और एक के बाद दूसरा बेईमान सत्ताओं के सिंहासन पर बैठकर बेरहमी एवं बेदर्दी के साथ देश को लूटेगा। इस देश में देशभक्त, ईमानदार, पढ़े-लिखे, चरित्रवान एवं जिम्मेदार लोग भी हैं, जो देश को भ्रष्टाचार मुक्त, श्रेष्ठ शासन दे सकते हैं। तो समस्त देशवासियों के मन में एक सहज प्रश्न उत्पन्न होता है कि क्या अच्छे व चरित्रवान लोग संगठित हो पाएंगे? क्या ईमानदार लोग एमएलए, एमपी नहीं बन पाएंगे? इसका सीधा, स्पष्ट एवं यथार्थ उत्तर है कि देश को नेतृत्व देने की क्षमता रखने वाले देशभक्त, चरित्रवान लोग तो हैं लेकिन देशभक्त, चरित्रवान, ईमानदार लोग संगठित नहीं हैं, जो उनको वोट देकर सत्ताओं के सिंहासन पर पहुँचा सके।
विश्वास: संसाधनों का 100% उचित उपयोग होने से होगा राष्ट्र का विकास और नहीं रहेगा कोई बेरोजगार। यह भी देश को लूटने का एक प्रायोजित झूठ एवं षड्यंत्र है कि विदेशी पूंजी निवेश के बिना देश का विकास नहीं होगा। जबकि हकीकत यह है कि देश की पूंजी, भ्रष्टाचार में बर्बाद नहीं हो तो देश का एक भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं रहेगा एवं यदि बेईमान लोगों के पास पूंजी जमा न होकर के जब देश के ढांचागत विकास एवं व्यवसाय में लगेगी तो देश में इतनी समृद्धि आएगी कि हम दूसरे देशों को पैसा ब्याज पर देने की स्थिति में होंगे। और भारत विश्व की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति के रूप में सम्मान के साथ खड़ा हो जाएगा।
100% मतदान, 100% राष्ट्रवादी चिन्तन, 100% विदेशी कम्पनियों का बहिष्कार व स्वदेशी को आत्मसात करके, देशभक्त लोगों को 100% संगठित करना तथा 100% योगमय भारत का निर्माण कर स्वस्थ, समृद्ध, स्वच्छ, स्वावलम्बी, भ्रष्टाचार – मुक्त, बेरोजगारी एवं गरीबी – मुक्त, संस्कारवान भारत बनाना – यही है “भारत स्वाभिमान” का अभियान। यह हमारी दृढ़ संकल्पना है। इस संकल्पना को पूर्ण करने के लिए – दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट), पतंजलि योगपीठ (ट्रस्ट) भारत व अन्तर्राष्ट्रीय, भारत स्वाभिमान (अप्रवासी भारतीय संगठन), पतंजलि चिकित्सालय, पतंजलि योग समिति एवं महिला पतंजलि योग समिति – ये छ: संस्थाएँ समाज एवं राष्ट्र के लोगों को विभिन्न 15 संगठनों के माध्यम से योग क्रांति एवं राष्ट्रीय जन – जागरण अभियान से जोड़ेंगी।